Considerations To Know About Shiv chaisa
Considerations To Know About Shiv chaisa
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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
लिङ्गाष्टकम्
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
आज के युग में शिव चालीसा पाठ shiv chalisa in hindi व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
हनुमान चालीसा लिरिक्स
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥